उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय दिल्ली दौरे से वापिस आ गए है इस दौरान दिल्ली में सीएम धामी ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात की और मुलाक़ात के दौरान उत्तराखंड में विकास की परियोजनाओं को लेकर चर्चा की।

दिल्ली दौरे के पहले दिन सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाक़ात की इस मुलाक़ात के दौरान सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री खट्टर से आरडीएसएस योजना के अंतर्गत ऋषिकेश और हरिद्वार में विद्युत लाइनों को भूमिगत एवं स्वचालित करने के साथ ही कुमाऊं और अपर यमुना क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु कुल 4000 करोड़ रुपये और दुर्गम स्थान कठिन भू भाग पंप स्टोरेज की परियोजनाओं के विकास के लिए ₹3800 करोड़ की वाइबिलिटी गैप फंडिंग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
वही दिल्ली प्रवास के दूसरे दिन सीएम धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से राज्य के विभिन्न मुद्दों को लेकर मुलाक़ात की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदेश की विकास योजनाओं, निवेश प्रयासों एवं सुरक्षा-संवर्धन से जुड़े प्रस्तावों के संबंध में अवगत कराया गया साथ ही उत्तराखण्ड में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ₹3.50 लाख करोड़ के MoU साइन हुए थे जिनमें से ₹1 लाख करोड़ से अधिक धरातल पर उतर चुके हैं। इस औद्योगिक निवेश को और गति देने हेतु प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पंतनगर–रुद्रपुर में प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड निवेश उत्सव’ में माननीय गृह मंत्री जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अमित शाह से राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत उत्पादन, पारेषण तथा वितरण स्कन्धों की परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई का शत-प्रतिशत खर्च वर्तमान मानकों में संशोधन/शिथिलीकरण प्रदान करते हुए NDRF/SDRF की सहायता अनुदान से वितरित किए जाने का अनुरोध भी किया गया।
वही सीएम धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलर राज्य के सर्वांगीण विकास से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की एवं उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।
इस दौरान केंद्रीय से रानीखेत और लैंसडौन छावनी क्षेत्र को नगरपालिकाओं के साथ विलय करने के साथ ही धारचूला-जोशीमठ के सैन्य हेलीपैड को आरसीएस हवाई सेवा के अंतर्गत उपयोग करने हेतु अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्य के आपदा एवं राहत कार्यों के अंतर्गत भारतीय वायुसेना की सेवाओं के लिए देय शुल्क को माफ किए जाने का भी अनुरोध किया।