ये कहानी है 2017 में यूपीएससी में 17 वी रैंक लाने वाली नमामि बंसल की। गिरते है शहसवार ही मैदान ए जंग में वो तिफ्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चले।अगर वाकई इन लाइन का मतलब जानना है, तो उत्तराखंड के ऋषिकेश की नमामि बंसल से मिलिए। तीन बार यूपीएससी में असफल होने के बाद भी नमामि ने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा और चौथी बार यूपीएससी टॉपर बन गई। नमामि के परिवार में कभी किसी ने यूपीएससी की परीक्षा नहीं दी थी लेकिन, नमामि ने एक जिद ठान ली और जिद भी ऐसी-वैसी नहीं, बल्कि आईएएस बनने की। वो तैयारी में जुटीं, तो तीन बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, नमामि का हौसला नहीं टूटा और आखिर में उन्होंने अपना सपना पूरा कर दिखाया।

आपको बता दे कि नमामि बंसल ने यूपीएससी की परीक्षा इंटरनेट पर पढ़कर ही टॉप की है उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी बल्कि इंटरनेट से पड़ती थी और इसके साथ साथ किचन में अपनी मां का हाथ भी बटाती थी उसके बवाजूद आज एक कामयाब नौकरशाह के तौर पर काम कर रही है।

नमामि बंसल उत्तराखंड की नौकरशाही में एक ऐसा नाम जिसने जहां जहां अपनी सेवाएं दी है उस क्षेत्र के लोग उनके काम करने तरीके और उनके व्यवहार के चलते उनकी खूब प्रशंसा करते है। उत्तरकाशी में ट्रेनी आई ए एस से लेकर देहरादून नगर निगम आयुक्त तक नमामि बंसल ने हर जगह अपने काम के ज़रिए अमिट छाप छोड़ी है। *बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का था सपना*नमामि बंसल ने लोकजन टुडे से बात करते हुए बताया कि बचपन से ही उनका सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का था जिसके लिए उन्होंने शुरू से ही मन बना लिया था और उनका मानना था कि ऐसी जगह अपनी सेवाएं दी जाए जहां समाज के उत्थान के लिए काम किया जा सके और ज़्यादा से ज़्यादा जनकल्याणकारी कार्य किए गए उसी को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे है और ये सब करने के बाद बहुत ही सुकून मिलता है। *नमामि की शिक्षा* नमामि बंसल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ऋषिकेश से ही की है हाइस्कूल और इंटरमीडिएट में भी नमामि ने टॉप करके ऋषिकेश और प्रदेश का नाम रोशन किया था। *दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी ए इकोनॉमिक्स (Hons)*नमामि बंसल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम लेडी कॉलेज से बी ए इकोनॉमिक्स Hons किया उसके बाद साथ ही उन्होंने एम ए ओपन यूनिवर्सिटी से किया और एम में उन्हें *गोल्ड मेडल* भी मिला। गोल्ड मेडल मिलने पर उत्तराखंड के उस वक्त राजपाल रहे के के पॉल ने नमामि को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया था।

कोविड 19 के समय ने नमामि बंसल रुड़की में बतौर एसडीएम पोस्टेड थी उस समय पूरे देश में कोविड़ को लेकर लेकर हाहाकार मचा हुआ था उस समय नमामि बंसल ने रुड़की क्षेत्र के लिए जो किया वो हमेशा याद रखा जाएगा सभी लोगो को जिनको जो ज़रूरत थी उनके घर घर तक ज़रूरी सामान पहुंचाने का काम नमामि की टीम ने किया। साथ ही जिन लोगो के राशन कार्ड ऑनलाइन नहीं थे उनको लेखपाल से बोलकर सभी की सूची बनवाई गई थी और सभी को समय समय पर राशन दिया गया। साथ ही पिरान कलियर में भारी संख्या में रहे जमातियों को भी सुरक्षा की दृष्टि से उनका ध्यान भी रखा गया। राज्य में कोविड का पहला मामला भी क्षेत्र के पनियाला गांव में आया था और एक वक्त कोविड की दूसरी लहर में ऐसा था जब एक दिन में 378 कंटोनमेंट जोन बनाए गए लेकिन प्रशासन ने सभी पर नियंत्रण करते हुए इसे सामान्य किया। उस वक्त रुड़की क्षेत्र के लोगो की जुबान और यही था कि अधिकारी हो तो ऐसा।

नमामि बंसल जितनी ईमानदारी और शिद्दत से अपने काम को करती है और उनके इस स्वभाव के चलते ही सभी उनको पसंद करते है वहीं वो खेल में भी इतनी ही शिद्दत से लग जाती है आपको बता दे कि नमामि बंसल को कई खेल पसंद है जिसमें उनको हैंडबॉल भी अच्छा लगता है लेकिन कॉलेज के समय शतरंज प्रतियोगिता में उनको गोल्ड मेडल मिला। एक ऐसी अधिकारी जिन्होंने पढ़ाई में और खेल दोनों में गोल्ड मेडल जीतकर परिवार का नाम रोशन किया।

मुख्य विकास अधिकारी टिहरी में रहते हुएं नमामि बंसल ने टिहरी क्षेत्र में बढ़ रही पलायन की समस्या को प्रमुखता से देखा और टिहरी में उनके प्रयास से कई काम ऐसे किए गए जिससे वहां से पलायन करने वालो की संख्या में कमी आई साथ ही उनके रहते पर्यटन की दृष्टि से भी टिहरी को बढ़ावा मिला आज के समय में उत्तराखंड में टिहरी पर्यटन में लगातार बढ़ रहा है।

आपको बता दें कि नमामि बंसल ने शासन में अपर सचिव तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा के रूप में भी कार्य किया है अपर सचिव रहते हुए नमामि के प्रयास से एक ऐसा काम किया गया जिससे स्वास्थ्य विभाग में लोगो को एक दर तो ओपीडी के पेपर में मिली ही साथ ही स्वास्थ्य विभाग का राजस्व भी बढ़ा। 2010 दस के बाद से इसको लेकर कोई जी ओ नहीं आया था राज्य के अलग अलग सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की फीस अलग अलग थी लेकिन नमामि बंसल के प्रयास से 2024 में सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के पर्चो की फीस एक समान हो गई।

नमामि बंसल इकोनॉमिक टाइम्स में बतौर रिसर्च एनालिटिक्स, कॉलम के तौर पर भी काम कर चुकी है उस वक्त उन्होंने आर्थिकी को लेकर कई शानदार लेख भी लिखे।

नमामि बंसल ने नौकरशाही में जिस जिस क्षेत्र में काम किया वहां अपने काम से अपना नाम आगे बढ़ाती गई कौशल विकास में नमामि बंसल को उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको सम्मानित किया।

लोकसभा चुनाव 2024,बतौर संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रहते हुए नमामि बंसल ने प्रदेश में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 सकुशल और शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसी को देखते हुए 2025 में विश्व मतदाता दिवस के मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।

नमामि बंसल वर्तमान में देहरादून नगर निगम में आयुक्त है और इस पद को सृजित करने के बाद लगातार नगर निगम में व्यवस्थाओं को उनके द्वारा ठीक किया जा रहा है नगर निगम क्षेत्र में साफ़ सफ़ाई की व्यस्था से लेकर लाइट तक सभी को दुरुस्त करने के लिए निरंतर फील्ड में भी दिखाई देती है उनके आने की बाद से नगर निगम की व्यस्था बेहतर हुई है उनका प्रयास है कि देहरादून को पूरी तरह स्वच्छ और सुंदर बनाया जाए।

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