आमतौर पर बरसात के मौसम में फ्लू के केस ज्यादा आते है जिसमें सर्दी,खांसी ,जुकाम से ज्यादा लोग पीड़ित हो जाते है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में भी फ्लू के मामले काफी आते है बरसात के मौसम में दून ओपीडी के सभी विभागों में मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है ऐसे में दून अस्पताल के नेत्र विभाग में भी इस बार काफी मरीज़ आए है।

आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस के लक्षण

कंजक्टिवाइटिस में आमतौर पर मरीजों में निम्लिखित लक्षण पाए जाते है जिनमें

*आंखों का लाल होना

*डिस्चार्ज से आंखो की पलकों का चिपकना

*कभी कभी आंखों से धुंधला दिखना

*आंखों की पलकों में सूजन का आना

आपको बता दे कि इस प्रकार के लक्षण कुछ मरीजों में बुखार सर्दी जुखाम के चलते भी आ जाते है।

उपचार और सावधानियां

डॉ नीरज सारस्वत ने बताया कि लोगों में इस प्रकार के लक्षण होने पर कोई घरेलू उपचार नहीं करना चाहिए बल्कि तुरंत अपने नज़दीकी नेत्र चिकित्सक को दिखाए,ये बीमारी एक से किसी दूसरे में ना हो इसके लिए निम्न उपाय ज़रूरी है।

*अपनी आंखों को साफ रखने के लिए आई वाइप्स का इस्तेमाल करे।

*आंखों को मलने से परहेज करे।

*चश्मे का इस्तेमाल करे जिससे जाने अनजाने में आंखों को छूने से बचा जा सके।

*अगर कोई व्यक्ति कांटेक्ट लैंस का इस्तेमाल करते है तो ऐसे समय में इस्तेमाल करने से परहेज करे।

बचाव कैसे करे

*अपनी आंखों को छूने से पहले हमेशा साबुन से हाथ धोए

*घर में एक दूसरे की टॉवल या रुमाल का इस्तेमाल ना करे।

*भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचे।

*ऐसे मौसम में स्विमिंग करने से भी परहेज करें।

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