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देहरादून। राजधानी के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज आए दिन चर्चाओं में रहता है कभी डॉक्टर्स के आपस के झगड़े तो कभी मरीजों को इधर उधर भटकाने के मामले जो जिसका संज्ञान शासन द्वारा भी लिया गया है लेकिन इस बार मामला लोकसूचना अधिकारी की नियुक्त से जुड़ा है यहां नए लोक सूचना अधिकारी ने जॉइन करने से साफ़ इंकार कर दिया ।

आपको बता दे कि अभी राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में लोकसूचना अधिकारी के पद पर नेत्र रोग विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ सुशील ओझा कार्यरत थे लेकिन उनके द्वारा ओपीडी और ऑपरेशन का हवाला देते हुए इस पद से मुक्त होने की शिफारिश की गई थी जिसको कॉलेज की प्राचार्य डॉ गीता जैन ने स्वीकर कर लिया और उनको तत्काल प्रभाव से हटाते हुए टीबी और चेस्ट विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ अनुराग अग्रवाल लोकसूचना अधिकारी और फॉरेंसिक विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ नीरज को सहायक लोकसूचना अधिकारी बनाया गया लेकिन मजे की बात ये है कि डॉ अनुराग अग्रवाल ने इस पद को ज्वाइन करने से साफ़ इंकार कर दिया वही डॉ नीरज का भी यही कहना है कि बेहतर होगा कि अस्पताल में ही ये जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। वही इस पूरे मामले में दून मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधिक्षक डॉ रविंद सिंह का कहना है कि इसको लेकर बात की जा रही है ये लोग अगर ज्वाइन नहीं करते तो किसी और को ये जिम्मेदारी दी जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि अब जिसको ये जिम्मेदारी दी जाती है वो इसके लिए तैयार रहता है या एक बार फिर आदेशों की अवहेलना की जाती है।

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