देहरादून ।कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आज देहरादून के एक निजी होटल में सिल्क मार्क ऑर्गेनाइजेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार, रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सिल्क एक्स्पो 2025 का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने एक्स्पो में लगे स्टोलों का अवलोकन भी किया अवलोकन के दौरान उनके द्वारा सेलाकुई में दिए गए पॉवरलूम द्वारा तैयार की गई साड़ियों पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मंत्री जोशी ने एक्स्पो में देशभर से आए उद्यमियों, रेशम कास्तकारों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं इस प्रदर्शनी में देश के 12 राज्यों के 26 से अधिक प्रतिभागियों ने अपने-अपने रेशमी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है, जहां उच्च गुणवत्ता के रेशमी वस्त्र, बुनाई की विविध विधाएं और डिज़ाइन ग्राहकों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो रहे हैं।अपने सम्बोधन में मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का शहतूती रेशम पूरे देश में सर्वोत्तम माना जाता है और इसी कारण राज्य को “Bowl of Bivoltine Silk” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 7,500 कीटपालक परिवारों द्वारा 312.02 मी.टन शहतूती रेशम कोया का उत्पादन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में रेशमी वस्त्र बुनाई कार्य प्रदेश में न्यून स्तर पर था, हमारी सरकार बनने के बाद इस दिशा में विशेष प्रयास किए गए। रेशम फेडरेशन द्वारा न सिर्फ परम्परागत बुनकरों को प्रशिक्षित किया गया, बल्कि सेलाकुई स्थित ग्रोथ सेंटर में तीन पावरलूम स्थापित कर गुणवत्तायुक्त वस्त्रों का उत्पादन भी किया जा रहा है।मंत्री जोशी ने कहा कि रेशम फेडरेशन का “दून सिल्क ब्रांड” अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। ।इस अवसर पर विधायक राजपुर खजान दास, पूर्व रेशम फेडरेशन अध्यक्ष अजीत चौधरी, निदेशक रेशम प्रदीप कुमार, महाप्रबंधक मातवर कंडारी, प्रधानाचार्या नमिता मंमगाई सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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