
देहरादून, 25 अक्टूबर 2025। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून के यूरोलॉजी विभाग द्वारा आज एक दिवसीय लेज़र यूरोलॉजी वर्कशॉप का सफल आयोजन किया गया इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से तीन प्रतिष्ठित यूरोलॉजिस्ट फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किए गए जिनमें डॉ. सुशील खर्बंदा (दिल्ली), डॉ. अमलंज्योति सरमा (असम), और डॉ. योगेश कालरा (लुधियाना) शामिल हुए । इस कार्यशाला का सफल संचालन प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार बिस्वास, विभागाध्यक्ष, यूरोलॉजी एवं डॉ. अमन गुप्ता द्वारा किया गया यह आयोजन उत्तराखण्ड यूरोलॉजिकल सोसाइटी और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
प्रदर्शित सर्जरी एवं तकनीकी विशेषताएँ
इस वर्कशॉप के दौरान लगभग 10 उन्नत लेज़र सर्जरी रखे गए, जिनमे :लेज़र प्रोस्टेट सर्जरी (Laser Prostate Surgery)लेज़र RIRS – गुर्दे की पथरी का बिना चीरा ऑपरेशन (Laser Kidney Stone Surgery)लेज़र ब्लैडर ट्यूमर सर्जरी (Laser Urinary Bladder Mass Surgery)लेज़र यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर सर्जरी (Laser Urethral Stricture Surgery) शामिल है ये सभी सर्जरी 150 वॉट होलमियम लेज़र मशीन से सम्पन्न की गईं, जो वर्तमान में उत्तराखण्ड के किसी भी राजकीय मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सबसे आधुनिक लेज़र तकनीक है।
इस अवसर पर डॉ. हरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष – उत्तराखण्ड यूरोलॉजिकल सोसाइटी, ने कार्यशाला में भाग लिया और इसे राज्य में यूरोलॉजी सेवाओं की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया उन्होंने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज में लेज़र सर्जरी की सुविधा शुरू होना राज्य के मरीजों के लिए वरदान साबित होगा अब बिना चीरे, बिना रक्तस्राव और शीघ्र स्वस्थ होने वाली सर्जरी सरकारी स्तर पर सुलभ होगी।
लेज़र तकनीक के लाभ
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के एच ओ डी प्रो. डॉ. मनोज बिस्वास ने बताया कि लेज़र तकनीक से सर्जरी करने पर —मरीज को बहुत कम दर्द व रक्तस्राव होता है,अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि कम होती है,वरिष्ठ या हृदय / मधुमेह के रोगी भी सुरक्षित रूप से सर्जरी करा सकते हैं उन्होंने कहा कि —“दून मेडिकल कॉलेज यूरोलॉजी विभाग अब अत्याधुनिक लेज़र एवं 3D-4K लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सुविधाओं के साथ उत्तराखण्ड का अग्रणी केंद्र बन चुका है आने वाले समय में यहां किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की भी स्थापना की जा रही है।
यूरोलॉजी विभाग की तरफ से सफल आयोजन के लिए विभाग की ओर से विशेष धन्यवाद डॉ. गीता जैन, प्राचार्य (Principal, GDMC) तथा डॉ. आर. एस. बिष्ट, चिकित्सा अधीक्षक (Medical Superintendent) को दिया गया, जिनके मार्गदर्शन और प्रशासनिक सहयोग से यह उच्चस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संभव हो सका प्रो. डॉ. बिस्वास ने कहा —“संस्थान के नेतृत्व का सतत सहयोग ही हमारी टीम को सरकारी स्तर पर ऐसी आधुनिक यूरोलॉजिकल सेवाएँ उपलब्ध कराने की प्रेरणा देता है।

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