देहरादून। पर्वतीय मैदानी एकता मंच के अधिक पीके अग्रवाल एडवोकेट लगातार पहाड़ी और मैदानी एकता को मजबूत करने का काम कर रहे है उनकी इस विचारधारा से प्रदेश में भारी संख्या में लोग उनके साथ जुड़ रहे है और पर्वतीय मैदानी लोगो को एकजुट करने का काम कर रहे है।

मीडिया से बात करते हुए पीके अग्रवाल एडवोकेट ने कहा पहाड़ और मैदान के बीच किसी भी प्रकार की वैचारिक दूरी हमारे राज्य की आत्मा को कमजोर करती है उत्तराखंड का निर्माण केवल पहाड़ों या मैदानों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए हुआ था जिन्होंने मिलकर इसके लिए संघर्ष किया।आज आवश्यकता इस बात की है कि हम “पहाड़ी-मैदानी” की रेखाओं को मिटाकर “उत्तराखंडी” की पहचान को मजबूत करें। क्योंकि जब हम एक-दूसरे की जड़ों का सम्मान करेंगे, तभी यह धरती सच्चे अर्थों में देवभूमि कहलाने योग्य बनेगी।

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